Sunil Mahindra जी की कलम से
मैने पहली कॉमिक्स ही नागराज की देखी थी मेरे चाचा जी Pardeep Jangra जी के पास "प्रलयंकारी नागराज" तब में काफी छोटा था नागराज के वो जेल तोड़ने वाला सीन वो नाग रसी पर चलने वाला सीन दिल में बस गया चाचा ने मुझे बताया नागराज के बारे में मुझे तो बहुत अच्छा लगा रात को जब पापा आए तो में जिद कर के बैठ गया की खाना तब खाऊंगा जब नागराज की कॉमिक्स लाओगे
तब पापा ने बड़े भाई से पूछा कहा मिलती हैं और कितने की आएगी तब बड़ा भाई रात को ही मुझे कॉमिक्स शॉप से न्यू कॉमिक्स दिला कर लाया तब से मेरी वजह से जो मेरे बड़े भाई चोरी छिपे कॉमिक्स पढ़ते थे वो भी घर में खुले में कॉमिक्स पढ़ते और रखने लगे ।।