Sunday, July 13, 2025
बातें कॉमिक्स और उन दिनों की
Rajesh Jaiswal जी की कलम से......................................................✍️
कॉमिक्स !!!.. बस ये सुनते ही मैं उस दौर में चला जाता हूँ जो एक अनोखा संसार था।जो दंत कथाओं से भरा था,जहां सुपरहीरो थे---राजा रानी की कहानी,तिलिस्म, जादू,विवेक बुद्धि की कहानी आदि।आर्टवर्क बहुत शानदार हुआ करता था।मनोज,तुलसी,दुर्गा,किंग,फोर्ट,राधा, राज,डायमंड,नीलम,गोयल,अमर चित्र कथा,इंद्रजाल आदि कॉमिक्स थे जो काफी मशहूर थे।जब इन कॉमिक्स की दुनिया से नाता टूटा वो भी अचानक से इतना दुःख नही हुआ।पर जब होश आया तो समझ आया कि यही असली संसार था मेरा----शुद्ध लेखन,गजब का आर्टवर्क।एक से बढ़कर एक कहानी!....खैर जब सोचा कि पुराने कॉमिक्स से जुडूँ तब तक देर हो चुकी थी---कही भी पुराने कॉमिक्स नही मिल रही थी।काश!...वो दिन लौट आये---पर पता है नही लौटेगी।क्योंकि वैसे लेखक अब नही मिलेंगे और आर्टवर्क तो भूल ही जाय तो अच्छा होगा।आजकल के सब आर्टिस्ट बस गजब बनने के चक्कर मे स्यापा से कम नही लगते।बस अब सुनहरी यादें ही हैं।पुराने स्मृतियों का गुम्बद बस मन के अंदर।अश्रुपूर्ती भी नही हो सकती।वो अनभिज्ञ महान लेखको का टोला वो अनभिज्ञ महान आर्टिस्टों का टोला अब कभी जान नही पाएंगे उनसे कभी मिल नही पाएंगे।ये सोचकर मन भी बहुत रोता है।हमे इन्हें नही भूलना चाहिये---इन्होंने हमारे मन को एक अमूल्य धरोहर दिया है।काश इनकी जानकारी हमे प्राप्त हो सकती थीं।वो दिन... वो क्षण.. वो कॉमिक्स.....बस भुलाए नही जाता।
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