Devraj Sharma जी की कलम से
दोंस्तो खूनी जंग कॉमिक्स का एक फ्रेम याद आ रहा है जिसमें डिसिल्वा नाम का एक फाइट आयोजक नागराज को आफर देता है कि मेरे लिए लड़ो, मैं तुमको तगड़ा वेतन दूंगा......तब नागराज का सिर्फ एक ही जबाब था "मैं किसी की नौकरी नही करता मिस्टर डिसिल्वा" कहने को सिर्फ ये एक फ्रेम था लेकिन इसमें नागराज का एक शक्तिशाली व्यक्तित्व और अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने वाला एक जिंदादिल इंसान दिखाया है....और आज ??
और आज वही नागराज अपने खुद के न्यूज़ चेंनल में एक अदना सा मुलाजिम बना हुआ है और डरा डरा सा रहता है, कोई भी ऐरा गैरा उसका मजाक उड़ा कर चला जाता है
लेखक को कोई हक नही था ऐसे सुपर हीरो के साथ छेड़छाड़ करने का जो अपने आप में ओरिजनल था और शायद इंडिया का पहला सुपरहीरो था जो किसी भी विदेशी सुपरहीरो की 1 % भी नकल नही था ।।
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