Tuesday, October 1, 2024
कॉमिक्स विज्ञापनों की जादुई दुनियां
इन विज्ञापनों का आकर्षण अलग ही लेवल का था विज्ञापन देखते ही कल्पनाओं की अलग ही दुनियां में गोते लगाने लगता था मन
बालमन में इन चित्रकथाओं, विज्ञापनों का असर कुछ इस कदर था उन दिनों के सब कुछ असली लगता था
अगर उन दिनों पांच दस रुपए भी मिले कहीं से तो कॉमिक्स खरीदना सबसे पहली पसंद थी अपनी
या यूं कहिये मजबूरी थी अपनी,
लत ही कुछ ऐसी थी
कल्पनाओं की इस खूबसूरत दुनियां की, बाकी रही सही कसर पेपर स्टीकर्स , मैग्नेट स्टीकर्स और पोस्टर्स का लालच पूरी कर देता था,
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