Devraj Sharma जी की कलम से
नागराज और बुगाकू बनाम नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव
मेरा वोट तो दोनों को बराबर ही जाता है पर 1% अधिक नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव को ज्यादा जाता है जिसका एक बड़ा मासूम सा कारण है
उन दिनों जब प्रचारित किया गया कि राज कॉमिक्स अपनी पहली विशेषांक निकाल रहा है तो हम विशेषांक का अर्थ भी नही जानते थे बस, बातों, मित्र पंचायतों और सबकी जिरह से अपने आप अर्थ निकाल लिया था कि शायद विशेषांक का अर्थ होता होगा डबल कॉमिक्स यानी 32 की जगह 64 पेज.....हम खुश हुए कि हमने सही टप्पा मारा था
फिर घर के बड़ो से पूछा कि विशेषांक का क्या अर्थ होता है बताया गया स्पेशल एडिशन वो पल्ले पड़ गया क्योंकि हम KV के छात्र जो थे😂
अब स्पेशल एडिशन ने हमारे दिल मे एक स्पेशल जगह बना ली कि कब आएगी ये स्पेशल कॉमिक्स हम रोज दिन और पैसे गिनने लगे,
और दिमाग के दो हिस्से हो गए एक जो डेली रूटीन में लगता था और दूसरे दिमाग में नागराज, ध्रुव,मैगनेट स्टीकर, 64 पेज, मिस किलर, स्टोरी, और सबसे विशेष इसका चित्रांकन इत्यादि कैसा होगा यही सब घूमता रहता था
आखिर 1991 का वो दिन आ ही गया जब अचानक ये कॉमिक्स स्कूल के सामने वाले बुक स्टाल पर बाकायदा स्टैंड पर डिस्प्ले दिखी, कवर देख कर तो रोम रोम खड़ा हो गया और दूसरा दिमाग बोला क्या कवर बनाया है यार....नागराज एक कांटो वाले लोहे के आदमी को मुक्का मार रहा है और उसके मुक्के से खून निकल रहा है, मन किया कि बस अभी इस स्पेशल एडिशन को अपना बना लू
पर हाय मेरा दुर्भाग्य जमा किये पैसे घर पर थे
मैं दौड़ दुकान पर गया अपनी बस का किराया 2 रुपया अंकल को दिया और कहा कि अंकल ये मेरे लिए बुक कर लो वो मुझे देख कर मुस्कुराए और बोले ठीक है बेटा
फिर मैंने अपना सर खुजाया और पहले वाले दिमाग से सोचा यार ये तो घर जाकर अपने सेक्टर से ही खरीद लेता ?
ये कल सुबह मिलेगी और घर जाकर आज ही खरीद कर पढ़ सकता था....बे मतलब बस का किराया अंकल को दे दिया इतने में असेंबली बेल बज गयी तो स्कूल में घुसना पड़ा
पूरा दिन मेरा दीदा पढ़ाई में नही लगा वो कवर और मैगनेट स्टीकर ने मेरे दूसरे दिमाग के साथ मिलकर पहले वाले दिमाग पर भी कब्जा कर लिया
खैर.... जैसे तैसे छुट्टी हुई किराया मैंने अपनी मैडम से ये कह के मांग लिया कि मेरे पैसे कही गिर गए और घर आ गया
आकर जल्दी से खाना खाया और भाग कर अपने परम मित्र के पास गया संयोग से उसका भी नाम नितिन था , उस से उसकी लाल हीरो साईकल मांगी बेचारे ने अपने भाई और मम्मी से छुप कर मुझे चाबी दी
और मैंने साईकल सेक्टर 35 से जो दौड़ानी शुरू करी तो सेक्टर 31 पर रुकी,
फटा फट स्टाल वाले अंकल को 13 रुपये देकर वो स्पेशल एडिशन अपने नाम कर लिया
मन तो कर रहा था कि एक एक पेज यही खड़ा खड़ा पढ़ डालू
लेकिन दोस्ती याद आ गयी, उसकी साईकल जल्दी लौटानी थी
सो दुत्र गति से बापस आया, दोस्त को दिखाई वो बोला भाई सबसे पहले मुझे दियो पढ़ने को
घर आकर सबसे पहले तो मैगनेट स्टीकर को चिपकाया फ्रिज पर और फिर अपने कमरे में बिस्तर पर दो तकिए लगा कर आराम से लेट कर दरबाजा लगा कर कॉमिक्स पढ़नी शुरू करी
क्या बताऊँ एक एक पेज जैसे रोमांच का गुलदस्ता....
और सबसे बड़ा रोमांच सूमो फाइटर से लड़ाई के समय जब नागराज को ध्रुव कहता है "नागराज तुम और सूमो फाइट ?" तब नागराज का उत्तर "नागराज को चैलेन्ज की लड़ाई में ही मजा आता है दोस्त"
और दूसरा "नागराज अपनी लड़ाई खुद ही लड़ता है"
तो दोस्तो ये था वो 1% अधिक का कारण जिसकी वजह से नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव मेरे लिए थोड़ी सी अधिक स्थान रखती है ।।