Tuesday, January 11, 2022

नागराज और बुगाकू बनाम नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव


Devraj Sharma जी की कलम से 

नागराज और बुगाकू बनाम नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव

मेरा वोट तो दोनों को बराबर ही जाता है पर 1% अधिक नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव को ज्यादा जाता है जिसका एक बड़ा मासूम सा कारण है

उन दिनों जब प्रचारित किया गया कि राज कॉमिक्स अपनी पहली विशेषांक निकाल रहा है तो हम विशेषांक का अर्थ भी नही जानते थे बस, बातों, मित्र पंचायतों और सबकी जिरह से अपने आप अर्थ निकाल लिया था कि शायद विशेषांक का अर्थ होता होगा डबल कॉमिक्स यानी 32 की जगह 64 पेज.....हम खुश हुए कि हमने सही टप्पा मारा था

फिर घर के बड़ो से पूछा कि विशेषांक का क्या अर्थ होता है बताया गया स्पेशल एडिशन वो पल्ले पड़ गया क्योंकि हम KV के छात्र जो थे😂 

अब स्पेशल एडिशन ने हमारे दिल मे एक स्पेशल जगह बना ली कि कब आएगी ये स्पेशल कॉमिक्स हम रोज दिन और पैसे गिनने लगे, 

और दिमाग के दो हिस्से हो गए एक जो डेली रूटीन में लगता था और दूसरे दिमाग में नागराज, ध्रुव,मैगनेट स्टीकर, 64 पेज, मिस किलर, स्टोरी, और सबसे विशेष इसका चित्रांकन इत्यादि कैसा होगा यही सब घूमता रहता था 


आखिर 1991 का वो दिन आ ही गया जब अचानक ये कॉमिक्स स्कूल के सामने वाले बुक स्टाल पर बाकायदा स्टैंड पर डिस्प्ले दिखी, कवर देख कर तो रोम रोम खड़ा हो गया और दूसरा दिमाग बोला क्या कवर बनाया है यार....नागराज एक कांटो वाले लोहे के आदमी को मुक्का मार रहा है और उसके मुक्के से खून निकल रहा है, मन किया कि बस अभी इस स्पेशल एडिशन को अपना बना लू 

पर हाय मेरा दुर्भाग्य जमा किये पैसे घर पर थे 

मैं दौड़ दुकान पर गया अपनी बस का किराया 2 रुपया अंकल को दिया और कहा कि अंकल ये मेरे लिए बुक कर लो वो मुझे देख कर मुस्कुराए और बोले ठीक है बेटा

फिर मैंने अपना सर खुजाया और पहले वाले दिमाग से सोचा यार ये तो घर जाकर अपने सेक्टर से ही खरीद लेता ?

ये कल सुबह मिलेगी और घर जाकर आज ही खरीद कर पढ़ सकता था....बे मतलब बस का किराया अंकल को दे दिया इतने में असेंबली बेल बज गयी तो स्कूल में घुसना पड़ा 

पूरा दिन मेरा दीदा पढ़ाई में नही लगा वो कवर और मैगनेट स्टीकर ने मेरे दूसरे दिमाग के साथ मिलकर पहले वाले दिमाग पर भी कब्जा कर लिया 

खैर.... जैसे तैसे छुट्टी हुई किराया मैंने अपनी मैडम से ये कह के मांग लिया कि मेरे पैसे कही गिर गए और घर आ गया

आकर जल्दी से खाना खाया और भाग कर अपने परम मित्र के पास गया संयोग से उसका भी नाम नितिन था , उस से उसकी लाल हीरो साईकल मांगी बेचारे ने अपने भाई और मम्मी से छुप कर मुझे चाबी दी 

और मैंने साईकल सेक्टर 35 से जो दौड़ानी शुरू करी तो सेक्टर 31 पर रुकी,

फटा फट स्टाल वाले अंकल को 13 रुपये देकर वो स्पेशल एडिशन अपने नाम कर लिया 

मन तो कर रहा था कि एक एक पेज यही खड़ा खड़ा पढ़ डालू

लेकिन दोस्ती याद आ गयी, उसकी साईकल जल्दी लौटानी थी 


सो दुत्र गति से बापस आया, दोस्त को दिखाई वो बोला भाई सबसे पहले मुझे दियो पढ़ने को 


घर आकर सबसे पहले तो मैगनेट स्टीकर को चिपकाया फ्रिज पर और फिर अपने कमरे में बिस्तर पर दो तकिए लगा कर आराम से लेट कर दरबाजा लगा कर कॉमिक्स पढ़नी शुरू करी 

क्या बताऊँ एक एक पेज जैसे रोमांच का गुलदस्ता....

और सबसे बड़ा रोमांच सूमो फाइटर से लड़ाई के समय जब नागराज को ध्रुव कहता है "नागराज तुम और सूमो फाइट ?" तब नागराज का उत्तर "नागराज को चैलेन्ज की लड़ाई में ही मजा आता है दोस्त"

और दूसरा "नागराज अपनी लड़ाई खुद ही लड़ता है"


तो दोस्तो ये था वो 1% अधिक का कारण जिसकी वजह से नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव मेरे लिए थोड़ी सी अधिक स्थान रखती है ।।

Saturday, January 8, 2022

क्लासिक नागराज का अनंत अंतहीन सफर



 सफर अनंत था मेरा" मुश्किल थी सफर की हर डगर


 हर सफर में मिल रहे थे दुश्मन तो दोस्तों की भी कमी न थी, नहीं परवाह थी अंजाम की बुलन्द थे हौसले मेरे  हौसलों में कोई कमी न थी,नहीं सुकून था ज़िंदगी में

जब तक दुनियां में आतंकवाद के बादल छाए थे ,इन्हीं बादलों का वध करने हम इस धरा पर आए थे ।।

याद आता है सफर अपना , मैंने खुद से कहा था ना

है थकना ना ही रुकना ।।

चलता चला जा रहा था मैं पकड़े इस अनंत सफर की डोर नहीं नज़र आ रहा था इस सफर का कोई अंत न कोई छोर ।।


 नागराज और थोडांगा कॉमिक्स ये दृश्य भावुक कर गया था ।

कॉमिक्स खत्म होने पर भी काली के जाने का दुख  😓



नागराज का सफर

 Abin Sinha जी की कलम से


हाल ही में मैंने मेरे खास दोस्त नितिन सिंह जी के "नागराज और थोडांगा" से जांबाज हाथी काली के बलिदान और योगदान पर की पोस्ट पढ़ी जिसने मुझको भावुक और प्रेरित किया क्लासिक नागराज के उन पात्रों को याद करने का जो सफर में साथ रहे पर दुर्भाग्यवश उनका शरीर साथ छोड़ गया..

आइये मैं ऐसे दस पात्र को मेंशन करता हूँ आप लोगों को और याद आये तो जरूर बताना

(1)फ्लोरिडा ( नागराज का इंसाफ)

(2)मास्टर सुजुकी (नागराज की हांगकांग यात्रा)

(3) काली(नागराज और काबुकी का खजाना)

(4)ओसका (नागराज और थोडांगा)

(5) विषप्रिय( नागराज और शंकर शंहशाह)

(6)वान(नागराज और तूफान-जू

(7) टर्बो (नागराज और बेम बेम बिगेलो)

(8) डिसूजा(नागराज और मिस्टर 420)

(9)रोमो (नागराज की कब्र)

(10)ब्रूनो द किड( नागराज और अजगर का तूफान)



बॉलीवुड फिल्मों से कॉमिक्स कनेक्शन

Devraj Sharma  जी की कलम से✍️
एक ऐसा दौर जो मुझे आज भी याद आता है
एक ऐसा दौर जब से बॉलीवुड फिल्मों से जुड़ी है कॉमिक्स की यादें
"नगीना का जाल" के साथ  अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित की फ़िल्म ज़िंदगी एक जुआ रिलीज हुई थी ।।

क्योंकि मुझे अच्छे से याद है 18 मई मेरा जन्मदिन था तो मेरे भैया और बहन मुझे यही मूवी दिखाने ले गए थे और जब देख कर बापस आये तो मैंने गिफ्ट मांगा तो भाई को पता था कि इसको क्या चाहिए सो उसने मुझे 15 रुपये दिए और बोला मुझे पता है तेरे गिफ्ट के लिए ये काफी है 
मैं खुशी खुशी मार्किट गया और पहुच कर खुशी का ठिकाना न रहा ये देख कर कि नगीना का जाल आ गयी है और मैंने तुरंत प्रभाव से खरीद ली ।
फिर
बच्चो के दुश्मन के साथ
जैसी करनी वैसी भरनी

किशन कन्हैय्या और नागराज का दुश्मन 

शाकुरा के साथ हम भी रिलीस हुई थी शायद

तूफान जु और खिलाड़ी 

अभी तो यही याद आया है बाकी खूबसूरत यादें भी आपके साथ साझा करता रहूंगा ।।