Saturday, July 26, 2025

अपने आप में जादू थे पुराने भारतीय चित्रकथाओं मुख्य पृष्ठ

Rajesh Jaiswal Jee की कलम से ........................ पुरानी भारतीय कॉमिक्स के मुख्य पृष्ठों और उनके चित्रांकन का जादू तो आज भी बढ़ता जाएगा क्योंकि पहले के लेखक और आर्टिस्ट पौराणिक कथाओं और ग्रंथो को खगालते थे इसलिये ये जो आप मन लुभावन आर्टवर्क हैं सब उसी का चमत्कार हैं।जरा स्मरण कीजिये महाभारत के चार वॉल्यूम बने थे।अगर संपादक ने बिना शोध किये ही लिख दिया होता तो!...पर शोध हुआ ग्रंथो का तब जाकर ये कॉमिक्स छपी और आज भी हाथों हाथ बिक जाती है।और जो जानकारियां मिली थी उसकी फ़ाइल या डॉक्यूमेंट तो जरूर होगा जो अमरचित्रकथा से मनोज कॉमिक्स तक पहुंचा।और इसी तरह का कार्य अन्य कॉमिक्स हाउस ने किया।यही कमाल है आर्टिस्ट और लेखक का!...अगर आज के लेखक ऐसा करने लग जाय तो कॉमिक्स का पुराना सा नया दौर फिर आ सकता है।पर नही शायद ऐसा नही होगा क्योंकि बहुत मेहनत लगती है।पुराने समय के लेखकों और आर्टिस्टों में विवेक बुद्धि आदि का महान समन्वय था जो अबके लेखक में नही है या लाना नही चाहता।हर कोई गूगल कर लेता है पर ये नही जानता कि 85% जानकारी उन्हें अशुद्ध होती है।इसलिए कहानी पाश्चात्य देश से लिया जाता है और कॉमिक्स फ्लॉप हो रही है।पहले के लेखक लाइब्रेरी से कहानियों को ढूढते थे फिर उसको फ़िल्टर करके लिखते थे और बनती थी एक महान कॉमिक्स!...जो अब नही हो रहा है!!!...विंटेज कॉमिक्स अमर है!...आशा करता हूँ ये बात सब तक पहुंचे और वही कॉमिक्स फिर से बनने लगे कहने का मतलब प्रकाशित होने लगे।

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