Friday, January 15, 2021

मेरे बचपन का प्यारा साथी मेरा क्लासिक नागराज❤

 



         Jai Kishor Rankawat जी की कलम से

बात तब की है जब मैं मैंने राज कॉमिक पढ़ना शुरू किया ही था। अब तक मैं नागराज, ध्रुव, बांकेलाल और भोकाल जैसे केरेक्टर्स से जुड़ चुका था।तब तक मैंने नागराज की कॉमिक ' काबुकी का खजाना', 'नागराज और थोडांगा', 'खूनी खोज', 'खूनी यात्रा' पढ़ी थी।  फिर मेरे हाथों में आई नागराज की एक शानदार कॉमिक -  'नागराज का दुश्मन'! कॉमिक का टाइटल कवर देखकर सम्मोहित सा हो गया। ओवरकोट से निकलता नागराज बिल्कुल स्टाइलिश हीरो की तरह लग रहा था। जब कॉमिक के पन्ने पलटे तो नागराज का खलनायक रूप देखकर दिल बैठ गया। अंदर ही अंदर घुट गया। समझ ही नहीं सका कि मेरा सुपर हीरो इस तरह विलेन कैसे बन गया। बालमन घबरा गया कि नागराज किस तरह बदनाम होकर रह जायेगा। लेकिन जब एंट्री हुई रियल नागराज की।और जिस तरह से उसने नागदंत का पर्दा फाश किया सच मे सुकून मिल गया। कि हां... सब कुछ ठीक है। इसी तरह की कई फीलिंग्स जुड़ी है। हर कॉमिक के साथ। बैठे बैठे कभी जब बचपन मे लौटता हूँ तो ये सब याद करके होठों पर एक मुस्कान खेल जाती है। सच में क्या क्लासिक दिन थे वो! क्या क्लासिक नागराज था हमारा!!!








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