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पहले कॉमिक्स टाइटल बड़े रोमांचक होते थे...
जिन्हें देखकर ही कॉमिक पढ़ने का मन होने लगता था..
मेरे कुछ फेवरेट टाइटल..
नागराज और काबुकी का खजाना
नागराज और शंकर शहंशाह
नागराज और कोबरा घाटी
नागराज और जादूगर शाकुरा
नागराज और बेम बेम बिगेलो
नागराज और बकोरा का जादू
नागराज और जादू का शहंशाह
और भी कई धांसू टाइटल रखे जाते थे।
लेकिन धीरे धीरे टाइटल बदलने लगे...
अब टाइटल कुछ आधुनिक और क्लिष्ट होने लगे..
स्नेक पार्क, सम्मोहन, विष अमृत, केंचुली, कोहराम, विध्वंस, परकाले आदि।
आप फर्क देख सकते हैं।
ऐसा ही ध्रुव की कॉमिक्स के साथ भी हुआ..
जैसे -
रोमन हत्यारा, आवाज की तबाही, चुम्ब का चक्रव्यूह, खूनी खिलौने, वू डू, रूहों का शिकंजा, मौत का ओलम्पिक, किरिगी का कहर आदि क्लासिक टाइटल थे।
अब ध्रुव के टाइटल...
ध्रुविष्य, डिजिटल, फरिश्ता, रोबिन हुड, सुपरमैन जैसे होने लगे।
ये मेरे विचार है।
हो सकता है कोई मित्र इस से सहमत न हो पर मुझे ऐसा लगा... इसलिए शेयर किया। 🙏
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बांकेलाल और तालाब के चोर |
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नागराज और अजगर का तूफान |
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बकोरा का जादू |
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नागराज और थोडांगा |
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नागराज और काबूकी का खजाना |
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खूनी कबीला |
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आखिरी दांव |
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आदमखोरों का स्वर्ग |
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प्रतिशोध की ज्वाला |
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चैम्पियन किलर |
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मुझे मौत चाहिए |
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वू- डू |
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बहरी मौत |
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