Wednesday, July 21, 2021

क्या से क्या हो गया ।।




क्या से क्या हो गया... बेवफा... तेरे प्यार में...


देव साहब की क्लासिक मूवी 'गाइड' के एक गाने की ये लाइन्स याद आती है जब क्लासिक नागराज के बाद महानगर वाले नागराज को देखता हूँ तो। ज़रा गौर फरमाएं इन फ्रेम्स पर... 


पहले हमारे क्लासिक नागराज का क्या जलवा था। ध्रुव को बचाने के लिए किस कदर बेकरार सा हो गया था हमारा नागराज। क्या फीलिंग आयी थी कसम से??!! लगा मानो कोई ज्वालामुखी फ़टने वाला है। आवेश के मारे मुंह से विषफुंकार छूटने लगी। और पाठकों को लगा जैसे नागराज अगर छूट गया तो जलजला सा आ जायेगा। और ऐसा ही हुआ भी। जो दरिंदे ध्रुव और ओसाका काबिले के दो योद्धाओं पर भारी पड़ रहे थे नागराज के कहर ने उनको दो पलों में धूल चटा दी।


पहले ऐसा लगता था मानो ध्रुव भी नागराज का फेन है। नागराज की स्टाइल देखकर ध्रुव को जोश आता। और ये सब फबता भी था। ध्रुव एक तरह से नागराज का फॉलोवर भर था। जिसे बाद में नागराज का बॉस बना दिया गया।


ज़रा उस फ्रेम पर नज़र डालें जिसमे नागराज और ध्रुव firestorm से बच के भाग रहे हैं। भागते भागते नागराज ध्रुव को समझा रहा है कि क्या करना है??!! यानी नागराज बताता था, योजना बनाता था और ध्रुव फॉलो करता था। लेकिन आगे जा कर नागराज को ध्रुव के इशारों पर नाचने वाला साइड हीरो बना दिया गया।


अब बताइए कैसे हम बर्दाश्त करें कि रियल बॉस को अपनी असली गद्दी से हटा दिया गया... सिर्फ अपना सितारा चमकाने के लिए।।।





Wednesday, July 14, 2021

मेरा पहला सुपरहीरो "क्लासिक नागराज"

कलाजगत के पितामह आदरणीय प्रताप मुलिक जी और आदरणीय Sanjay Ashtaputre जी का वो टीन ऐजर नागराज बहुत याद आता है । जो मेरे और मेरे प्यारे मित्रों के दिल के बहुत ही करीब है । वो हमारा प्यारा क्लासिक नागराज जिसका हर कॉमिक्स प्रेमी दीवाना था । उस दशक के नागराज को जेहन में रखते हुए मैंने अपने तरीके से एक चित्रकथा बनाने का प्रयास किया है । जिसकी कहानी मेरे मित्र Sameer Luckyy जी ने लिखी है । जो मुझे बेहद रोमांचक लगी । जैसे ही ये कहानी पूर्ण होगी आप इसके आगे के चित्रों का मज़ा ले पाएंगे ...🙏🙏🙏🙏🙏
https://www.facebook.com/profile.php?id=100005284923590

जब एक यूनिक सुपरहीरो को कॉपी बना डाला

एक Unique सुपरहीरो जो अपराधियों के घर में घुसकर उनकी बखिया उधेड़ता था, या यूं कहिये शेर की मांद में घुसकर शेर का शिकार करता था । जो किसी एक क्षेत्र किसी एक देश का न होकर पूरे विश्व का था । जिसके नाम मात्र से सम्पूर्ण विश्व आतंकवाद जगत थर-थर काँपता था । दुनियां का एकमात्र ऐसा सुपरहीरो जिसने विश्व से अपराध और आतंकवाद को खत्म करने का बीड़ा उठाया था जिसके मजबूत कंधों पर सम्पूर्ण विश्व की रक्षा का भार था , जिससे दूसरों को सीखने की जरूरत थी । अब खुद गंगाधर(शक्तिमान)क्लार्क केंट(सुपरमैन) को कॉपी कर रहा था । जिसे दादा पोती(वेदाचार्य-भारती) ने मिलकर ऐडा बना कर पेड़ा खिला दिया😁

Friday, July 9, 2021

कॉमिक्स जगत में भी राजनीति और भेदभाव

Jai Kishor Rankawat Jee की कलम से
मित्रों,(मोदीजी वाला नहीं ही ही ही) अभी किसी ग्रुप में जा घुसा था। वहां कुछ जबरदस्ती के इंटलेक्चुअल्स बंदे बोल रहे थे कि कॉमिक्स किसी केरेक्टर के साथ भेदभाव नहीं करती। दरअसल वो ध्रुव और नागराज की बात कर रहे थे। उनका कहना था कि नागराज के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ। जो कुछ भी हुआ बिल्कुल निष्पक्षता के साथ हुआ। कॉमिक्स बनाने कालों के लिए तो सभी कैरेक्टर समान होते है। वो क्यों किसी के साथ भेदभाव करेंगे। जो स्टोरी की डिमांड होती है उसी हिसाब से कैरेक्टर के रोल सेट किये जाते हैं। इस पूरी बकवास का मतलब था कि वो ध्रुव को नागराज पर तरजीह दिए जाने को जस्टिफाई कर रहे थे। उनके मुताबिक जो कुछ भी नागराज के साथ हुआ और ध्रुव को जो हाइप मिली वो ध्रुव डिजर्व करता था। लेखक ने कोई भेदभाव नहीं किया। उन बंदों के मुताबिक ये सब हालात अपनाए जाने लायक है। तो अब पूरी डिटेल के साथ ये बताना जरूरी है कि नागराज क्या था और उसके साथ क्या किया गया!? कैसे पक्षपात करके नागराज जैसे नम्बर वन सुपर हीरो को दोयम दर्जे का साइड हीरो बनाया गया।?? तो उन लोगों को बता दिया जाए कि नागराज को जानने के लिए पहले ' नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव', तथा ' नागराज और बुगाकु' का ध्यान से अध्ययन करें। जो नागराज ध्रुव के बड़े भाई की भूमिका में था उसे हर बार पिटवा कर ध्रुव के पीछे खड़ा करने का भरपूर प्रयास किया गया। अब आती है बात पक्षपात की तो इसके लिए प्रलय, विनाश, राजनगर की तबाही, संहार, विध्वंस, परकाले पढ़े। जी न भरे तो ' नागाधीश' , 'वर्तमान', 'सम्राट' और 'सौडांगी' जैसे हृदय विदारक विशेषांक पढ़े। (ये सलाह नागराज के हार्ड कोर फेन्स के लिए नहीं है!!कहीं वो कॉमिक्स फाड़ न डालें!!) पक्षपात की हदें पार करते ये पक्षपात पूर्ण कॉमिक्स पढ़ने पर आपको पता चलेगा कि किस तरह नागराज को पीछे धकेला गया और अपने मानस पुत्र को जी भर के तरजीह दी गयी। कुछ उदाहरण देखिए.... 1. नागराज के सारे राज़ ध्रुव जानता है। 2. नागराज के अलावा नागद्वीप के बारे में सिर्फ ध्रुव जनता है लेकिन स्वर्ण नगरी की भनक नागराज को कभी नहीं लगने दी गयी।(बाद में किसी नई कॉमिक दी गयी हो तो पता नहीं।) 🙄 3. कालदूत- जिसे हराने में नागराज के पसीने छूट गए उसे ध्रुव आसानी से परास्त कर देता है। लेकिन धनन्जय, किरिगी, ज़िंगालु को नागराज के हाथों कभी नहीं पिटवाया। 4. हर कॉमिक्स में अंत में नागराज गलत साबित किया जाता है और ध्रुव की नैतिक जीत बताई गई। 5. नागराज के दोस्त ध्रुव और ध्रुव के दोस्तों द्वारा परास्त होते रहते है या पोपट बनाये जाते हैं। 6. हर 2-in-1 या मल्टीस्टारर में पूरा नेतृत्व ध्रुव को दे दिया जाता है और बाकी हीरोज (नागराज सहित) मुंह ताकते रहते है। 7. वो नागराज जिसकी अपनी खुद की स्ट्रेटेजी होती थी... खुद का अपना तरीका होता था, वो अब ध्रुव के इशारों पर नाचने लगा। 8. नागराज को दोयम दर्जा देने के लिए उसे कमांडो फोर्स के बच्चों द्वारा बचाया गया, एक साइड हीरो बनाने के लिए सम्राट' और 'सौडांगी' जैसे कई कॉमिक्स बनाये गए। जिसमे नागराज सिर्फ के ताकतवर हेल्पर के अलावा कुछ नहीं होता। अब इन सब बातों को वही समझ सकता है जिसने RC शुरू से पढ़ना शुरू की। जिन्होंने क्लासिक नागराज का वो aura देखा है। जिन लोगों ने शुरुआत ही कोहराम, प्रलय, विनाश जैसे कॉमिक्स से की वो ही उस घोर पक्षपात को उचित ठहरा सकते हैं। (यहाँ ये भी बता दूं कि मैं कोई ध्रुव विरोधी नहीं हूं, क्लासिक नागराज की तरह क्लासिक ध्रुव को भी उतना ही पसंद करता हूँ। लेकिन नागराज के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं। क्योंकि वो नम्बर 1 है और रहेगा।) बस अंत में उन इंटलेक्चुअल्स के लिए एक ही पंक्ति लिखना चाहूंगा... "कौन हैं ये लोग, कहाँ से आते हैं...."
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