आर विवेक आर जे जी की कलम से
अभी अभी सब टीवी पे एक सीरियल आ रहा था नाम था मैडम सर उसमे अभी अभी नागराज का जिक्र हुआ था।
एक पुलिस वाला कह रहा होता है कि बचपन में हमने नागराज बहुत पढ़ा था।
खुशी की बात है।
अब इसकी वीडियो सब कॉमिक्स समूह में फैल जायेगी।
और हम जैसे मासूम कॉमिक्स प्रेमी फिर खुश हो जायेंगे।
लेकिन।।।।
क्या ये खुशी से ज्यादा शर्म की बात नही है???
क्या हम इंडिया के कॉमिक्स प्रेमियों की बस इतनी सी ही औकात रह गई कि कही किसी सीरीज में,सीरियल में या किसी फिल्म में बाल भर जिक्र से ही खुशी से नाचते रहें???
140 करोड़ की भारत की जनता होते हुए भी अपने बचपन के हीरो को बस ये बाल भर के जिक्र से खुश न होके शर्म की बात है कि इन हीरो को असली मुकाम हासिल नहीं हुआ।
और न हो पाएगा।।।
उसका क्या कारण है।
क्या वजह है।
सभी जानते है लेकिन कोई अपने ऊपर जिम्मेदारी न लेके एक दूसरे के ऊपर इल्जाम थोपते नजर आते है।
काश इंडियन कॉमिक्स जगत लालची पब्लिकेशन के हाथो में न होता। और हमारे बचपन के हीरो को ऐसे भीख जैसी पब्लिसिटी न मिल रही होती।
🥹🥹
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