Wednesday, March 22, 2023
विज्ञापन जो सम्मोहन का मायाजाल बुनते थे ।
Jai Kishor Rankawat जी की कलम से----------
एक वक्त था जब कॉमिक्स के एड बनाने में पूरी मेहनत की जाती थी। एड को स्पेशल बनाने के हर संभव तरीके अपनाए जाते थे। और वो एड आकर्षक भी होते थे, जिन्हें देख कर कॉमिक्स पढ़ने की प्यास चरम स्तर पर पहुंच जाती। एड देखकर उस कॉमिक के प्रति बेकरारी इस क़दर बढ़ जाती कि रहा नहीं जाता। इन्तेज़ार की घड़ियां बिताना मुश्किल हो जाता। शायद वो उम्र तकाज़ा भी था और कॉमिक्स के प्रति जुनून भी।
इसके अलावा मनोरंजन के साधन भी तो सीमित ही थे। मोबाइल नाम की बीमारी बिल्कुल नहीं थी उस वक़्त के बचपन मे। वीडियो गेम्स सीमित हाथों तक पहुँच पाये थे।
ऐसे वक्त में कॉमिक्स ही सहारा थी जो दिलो दिमाग पर छाई रहती। और वो क्लासिक एड आज इनकी कीमत बहुत ज्यादा है मेरी नज़रों में।।
कुछ ऐसे ही क्लासिक एड पेश है आपके लिए भी।।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment