Tuesday, July 25, 2023

नागराज और तूफान-जू

Mukesh Gupta जी की कलम से ---------नागराज और तूफान-ज़ू ये किस्सा तब का है जब हम गर्मियों की छुट्टी में अपने नानी के घर जाते थे। ऐसे ही एक बार हम वहां छुट्टी मना रहे थे। कॉमिक्स तो हमेंशा साथ ले ही जाता था पढ़ने के लिए और कहीं कोई नयी कॉमिक्स मिल जाती तो क्या बात थी। वहीं एक बार पड़ोस के एक लड़के के पास से मैंने एक कॉमिक्स पढ़ी 'नागराज और तूफ़ान-ज़ू'। ये कॉमिक्स मुझे इतनी अच्छी लगी की मैं वो कॉमिक्स अपने साथ ले जाना चाहता था। पर वो कॉमिक्स किसी और की थी और वो देने को तैयार नहीं था। तो मैंने क्या किया, एक नोटबुक में उस पूरी कॉमिक्स की कहानी वर्ड बाय वर्ड उतार ली ताकि उसको मैं दोबारा पढ़ सकूँ। पूरी कॉमिक्स की कहानी को कॉपी करने में 4-5 दिन लगे पर जब तक मैंने पूरी कहानी नहीं लिख ली चैन नहीं लिया जबकि मुझे लिखने का काम बिल्कुल पसंद नहीं था स्कूल का होमवर्क भी करने में बहुत आनाकानी करता था पर उस कहानी को पूरी शिद्दत से लिखा था। ये बात आज भी जब नागराज और तूफ़ान ज़ू कॉमिक्स देखता हूँ तो याद आ जाती है और एक अनोखी ख़ुशी का एहसास होता है।

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