Friday, November 17, 2023
"नागराज" नाम ही काफी है
Mukesh Gupta जी की कलम से----------
Nagraj को सुपरहीरोज के क्षेत्र में अव्वल बनाने में उसकी कॉमिक्स की कहानियों से ज्यादा उसके कैरेक्टर डिजाइन (चरित्र निर्माण) को जाता है, लोग नागराज की कॉमिक्स उसकी स्टोरी के लिए नहीं लेते थे बल्कि खुद नागराज के लिए लेते थे। ऐसा और किसी किरदार के साथ नही हुआ था।
नागराज की कॉमिक्स में जब ऐसी पंच लाइनें मिलती थी
"नागराज से पहले उसके सांप आते हैं",
"आप क्या पियेंगे??......दूध!",
"मैंने तुम्हारे शरीर से सांप निकलते देखे थे......तुमने ख्वाब देखा होगा।",
"नागराज कभी हथियारों से नहीं लड़ता, नागराज खुद एक हथियार है",
"मुझे चैलेंज की लड़ाई लड़ना पसंद है",
"टेन टेन टेनेन"।
ये सब नागराज की टैग लाइन बन गई थी। ये भी शायद ही किसी और किरदार को मिला था सिवाय चाचा चौधरी के "चाचा चौधरी का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है" और साबू के "जब साबू को गुस्सा आता है तो कहीं ज्वालामुखी फटता है" को छोड़कर।
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