Friday, December 29, 2023

एक सुपर हीरो को उसके अंदर की सुपर पॉवर्स "सुपर" नहीं बनाती

Mohit Tripathi जी की कलम से -------- एक हीरो को सुपरहीरो उसके अंदर की सुपर पावर्स नहीं बनाती हैं। बल्कि एक हीरो सुपरहीरो तब बनता है जब वो अपने से सौ- हज़ार गुना ज्यादा शक्ति रखने वाले विलन से लड़ने की और उसको हराने की हिम्मत रखता हो। जब नागराज की शुरुआत हुई उसमें सुपर पावर्स थीं। पर वो सिर्फ उस लेवल की थीं कि उसे एक आम इंसान से अलग पहचान दे सके। समय के साथ साथ विलन आये जो आम विलन से ज्यादा पावरफुल थे जैसा नागराज है वैसे, चाहे तुतेन खामन हो या थोडांगा। वो उसकी टक्कर के थे और ये लेखक की परिकल्पना थी कि लिमिटिड पावर्स के साथ ही नागराज को उन विलेन्स के ऊपर विजय कैसे दिलवाई जाए। ये कहानियां कहीं न कहीं रीडर्स को इंस्पायर करती थीं कि लिमिटिड सौरसेज़ में ज़िन्दगी की मुश्किल का कैसे सामना किया जाए। फिर समय बदला नागराज का लेखक बदला और अपने दिमाग का रत्ती भर उपयोग करके नागराज के सुपर पावर विलेन्स को हराने के लिए नागराज को हर बार एक नई शक्ति दे दी गई कभी तिष्क सर्प कभी नागफनी सर्प। वो रोंगटे खड़े करने वाला जो फैक्टर होता था की अब नागराज क्या करेगा?, वो इन जबरदस्ती की थोपी गयी सुपर पावर्स के नीचे दब कर रह गया। एक आम इंसान के कांटेक्ट में रहने वाला नागराज, नए देशों में घूमने वाले नागराज, नए लोगों से मिलने वाला नागराज एक छोटे से शहर में गिने चुने लोगों के बीच में सिमट कर रह गया। बस बढ़ती गयी तो उसकी सुपर पावर्स। फिर दौर शुरू हुआ 2 in 1 और मल्टीस्टार कॉमिक्स का जिसमें नागराज को एक हथियार की तरह दिखाया गया जो अपनी मर्ज़ी से न चल सकता है ना अपनी पोटेंशियल जानता है। दूसरे सुपरहीरो(जबरदस्ती के) आकर उसे बताते हैं कि वो क्या क्या कर सकता है। राज कॉमिक्स की सीरीज में "नागराज की कब्र" भले ही नागराज की दूसरी कॉमिक्स हो पर सच तो ये है की नागराज की कब्र "विसर्पी की शादी" के बाद कि कॉमिक्स है।

नारंगी नागराज और हरा नागराज

Prem Rathor जी की कलम से---------- दोस्तो क्या आप जानते है नागराज की सबसे पहली आयी तीन कॉमिक्स जब रीप्रिंट हुई तो उसमें नागराज की क़ब्र कॉमिक्स में नागराज हरे रंग की जगह नारंगी रंग में आया था ये शुरू वाली 40 पेज में आई थी ओर नारंगी रंग में नागराज को देखने का अपना ही मजा है या तो ये प्रिंटिंग मिस्टेक है या जो भी है आपके सामने पेश है नारंगी रंग का नागराज 😎😎😎😎

Saturday, December 23, 2023

मल्टीस्टारर हिंदी कॉमिक्स

Rohit Sharma Jee की कलम से--------- ****Multi starr hindi comics******* मल्टी स्टारर हिंदी कॉमिक्स की बात करे तो सबसे पहले जो नाम दिमाग में आता है वो है "नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव " जिसमे नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव एक साथ नजर आए थे और साथ में गगन और विनाशदूत आदि का गेस्ट अपीयरेंस था लेकिन इनसे बहुत पहले लोटपोट में मल्टी स्टारर कहानी की शुरवात हो चुकी सन 1976 में जब चाचा। चौधरी के साथ मोटू पतलू नजर आए थे उसके बाद मधु मुस्कान की एक कहानी में सुखवंत जी ने पहली बार मधु मुस्कान के सभी पात्रों को एक साथ दिखाया यानी भारती जी के पोपट चौपट , डैडी जी सुदन जी का बनाया हुआ और जामिन जी का कलमदास उसके बाद हुसैन जामिन जी की मधु मुस्कान में एक कहानी आई बबलू की जिसमे सारे मधु मुस्कान के किरदार थे लेकिन असली धमाका हुआ 1983 में जब " अंकुर और चाचा चौधरी का अपहरण " आई मार्केट में इस अंकुर की कॉमिक में diamond कॉमिक्स के सारे के सारे किरदार एक साथ आए थे एक ही 48 पेज की कहानी में और उसके एक महीने बाद मनोज चित्र कथा की " महाबली शेरा और खूनी दानव" आई जिसमे महाबली शेरा और काला प्रेत के अलावा राम रहीम भी थे . इस कॉमिक की खास बात ये थी कि ये कॉमिक्स पहली हिंदी कॉमिक थी जो 100 पेज की थी और उसके बाद आई अंकुर की दूसरी मल्टी स्टारर " अंकुर और जासूसी का चक्कर" और उसके बाद मल्टीस्टारर कॉमिक्स का जो दौर राज कॉमिक्स ने शुरू किया वो आज तक खत्म नहीं हुआ आप लोगो की पहली मल्टी स्टारर कॉमिक जो आपने पढ़ी वो कौन सी थी ? आप लोगो की राय और उत्तर का इंतजार रहेगा

Sunday, December 3, 2023

उस दशक में कंप्यूटर नाम बच्चों ने चाचा चौधरी की कॉमिक्स में सुना था

Rohit sharma jee की कलम से --------Comics peeking into future ********************************************** 1980s वो दशक था जब भारत में कंप्यूटर का नाम बच्चों ने सिर्फ चाचा चौधरी की कॉमिक की में सुना था या कुछ अंग्रेजी साइंस फिक्शन पढ़ने वाले बच्चों ने issac asimov आदि को पढ़ा हो .लेकिन ज्यादातर उस समय की हिंदी कॉमिक में टेक्नोलॉजी की बात न के बराबर थी लेकिन फिर अश्विनी आशु की कॉमिक जगत में एंट्री हुई और फिर उन्होंने जो सोचा वो अब जा कर हकीकत बना इंसान के जैसे दिखने वाले रोबोट आज तैयार है लेकिन 1983 में ऐसे रोबोट की कहानी जो इंसानी रूप ले चुका हो या फिर सीसीटीवी कैमरा जो आज घर घर में है उसका उपयोग या एक ऐसी ÀI वाली मशीन जिसमे ब्रह्माण्ड के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों का दिमाग हो ऐसी कल्पना तो अश्वनी आशू ही कर सकते थे आज भी हम इंसानी दिमाग को पढ़ नहीं पाए और अश्वनी आशु ने डार्कलैंड के शैतान में रिमोट लोकेशन से इंसानी दिमाग कर काबू पाने की कल्पना कर डाली थी डायमंड कॉमिक्स ने साइंस फिक्शन को लंबू मोटू और फौलादी सिंह के जरिए जिस तरह बच्चों तक पहुंचाया उसका कोई सानी नहीं ये जो हैलोग्राफ तकनीक आज हम इस्तमाल करते है उसका बारे में मनोज के राम रहीम में 1982 के आस पास छपी कॉमिक में जानकारी दे दी गई थी इस सब से पहले जगदीश भारती जी ने ह्यूमन क्लोनिंग को ले कर 1978 में एक कॉमिक स्ट्रिप बना दी थी आप लोगों को पसंदीदा साइंस फिक्शन कॉमिक कौन सी है कमेंट में बताए Images courtesy Hemendra Singh