Sunday, August 4, 2024

मेघदूत और ठंडा सूरज

बात 1993 की तब मैं फिफ्थ क्लास में था पिताजी CIW में इंजीनियरिंग थे। पिताजी के एक जूनियर अस्सिटेंट हुआ करते थे वह काफी पढ़े लिखे थे पिताजी ने उन्हें मेरे और मेरे भाई के लिए ट्यूशन टीचर के तौर पर रख लिया, मास्टर जी का नाम था तोताराम नेगी जी काफी इंटेलिजेंट थे और कड़क भी..... बिल्कुल जेम्स बॉन्ड टाइप, सिर पर वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर रिची रिचर्डसन की तरह हैट पहन कर आया करते थे, एक तो गोरा रंग उसे पर सिर पर हैट बिल्कुल जेम्स बॉन्ड जैसा लुक आता था, नित्य ट्यूशन की क्लास चलने लगी, अब पड़ोस के 2/4 और दोस्त भी आने लगे। पिताजी की छुट्टी दो बजे होती थी तो वह पिताजी के साथ ही ट्यूशन पढ़ाने घर आ जाया करते थे। एक रोज मास्टर तोताराम जी ट्यूशन पढ़ा रहे थे, शायद कुछ सवाल दिए थे जिनका उत्तर हम लिख रहे थे इतने में मास्टर जी के लिए चाय आई और वह चाय पीने में व्यस्त हो गए। उस दिन मैं स्कूल से आते समय एक कॉमिक्स किराए पर लेकर आया था शायद कॉमिक्स का नाम "मेघदूत और ठंडा सूरज" था, बस इसी अति उत्साह में किताब की बीच में कॉमिक्स छिपा कर पढ़ने लगा, इतने में मास्टर साहब चाय पीकर कमरे में वापस आ गए और मुझे रंगे हाथ कॉमिक्स पढ़ते देख लिया....साथ ही एक मित्र नवीन पाल (अब दुनिया में नहीं रहा, बिजली के तार से झटका लगने के कारण रीढ़ की हड्डी टूट गई थी, बाद में लगभग 10 साल बाद स्वर्गवास हो गया था) भी कॉमिक्स में तांक झांक कर रहा था 🤪 फिर क्या भिड़े मास्टर ने तो टप्पू को छोड़ दिया, लेकिन मास्टर तोताराम जी ने थप्पड़ दस मारे होंगे और गिना एक होगा🤣, और पिताजी बिलकुल भी जेठालाल की तरह नहीं थे जो सिर्फ डांट डपट कर ही छोड़ दे..... DM बूट तशरीफ पर दो चार तो लगी ही होगी.....😭 नवीन पाल के भी चांटे लगने के बाद पूरी ट्यूशन क्लॉस साइलेंट मोड पर चली गई, और कॉमिक्स चीथड़े चीथड़े.....😁 #मेरी_कॉमिक्स_की_दुनिया_और_पुरानी_यादें_vd

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