हमारे कॉमिक्स पढ़ने के दिनों में हमारे अंदर कॉमिक्स को लेकर बहुत बेचैनियां रहती थी जैसे नया सेट कब आएगा, और आ गया तो अपनी पसंद की कॉमिक्स को पढ़ने के लिए या खरीदने के लिए पैसे उस वक़्त होंगे कि नही, स्टीकर कैसा होगा इत्यादि ।।
इन्ही सब बेचैनियों के बीच में मेरी सबसे बड़ी बैचैनी जानते हो दोस्तो क्या थी ? वो बेचैनी थी अधूरी कहानी वाली कॉमिक्स यानी कि वो कॉमिक्स जो दो पार्ट या कभी कभी 3 पार्ट मे आती थी ।।
और बेचैनी तब बढ़ जाती थी जब कहानी ऐसे समय पर रुक जाती थी जहाँ उस कॉमिक्स पढ़ने का exitement पढ़ते पढ़ते अपने चरम पर पहुच चुका होता था , परंतु अचानक पता चलता है कि कहानी रोक दी गयी है और अगले भाग मे पूरी होगी, उस समय दोस्तो याद करो अपनी क्या हालत होती होगी मन बेचैन दिल परेशान आंखे हैरान ये सोचकर कि न जाने आगे क्या होगा यकीन मानो उस रात नींद भी नही आती थी और हम लेटे लेटे आगे की कहानी की कल्पना शुरू कर देते थे ।।
और सबसे बड़ा सितम ये होता था अधूरी कहानी के बाद हमारी बेचैनी को भड़काने के लिए कुछ डरावने सवाल छोड़ दिये जाते थे जैसे :- अब क्या होगा ?, क्या वो उसको मार सका ?, वो कौन था ?, इत्यादि
फिर तो बेचैनी की आग तब तक भड़की रहती थी जब तक कॉमिक्स का अगला पार्ट हाथ मे नही आ जाता था और उसको पढ़ने के बाद ही बेचैनी की ज्वाला शांत होती थी
और उन दिनों तो इस अधूरी कहानी की रेस मे अपना क्लासिकल नागराज 1st था इसकी पहली कॉमिक्स से ले कर इच्छाधारी नागराज तक जितनी भी कॉमिक्स आयी उनमे से बच्चो के दुश्मन को छोड़कर सभी कॉमिक्स पार्ट्स मे थी
तो मेरे प्यारे मित्रो ये थी मेरी कॉमिक्स लाइफ की सबसे बड़ी बेचैनी
आप सब की बेचैनी क्या थी कमेंट बॉक्स मे जरूर सांझा करे, पढ़ कर अच्छा लगेगा
आपके कमैंट्स के इंतजार मे,
आपका अपना
देवराज शर्मा