Wednesday, September 14, 2022

नागराज के पराये होने की कहानी....


 


दोस्तों अपना पसंदीदा सुपर हीरो नागराज जो कभी एकदम अपना लगता था, धीरे धीरे पराया सा होने लगा। यहां क्लासिक नागराज के बारे में बात की जा रही है। ये परायापन अचानक नहीं आया। ये भी नहीं कह सकते कि लेखक बदलने से ही नागराज चेंज हो गया (ये कारण तो था ही लेकिन इसके अलावा भी कुछ कारण थे)!  दरअसल नागराज की कहानियों में परिवर्तन लेखक बदलने से पहले ही आने लगे थे। मुझे ये बदलाव 'नागराज और मिस्टर 420' से महसूस होने लग गए थे। लेकिन आर्टवर्क की वजह से जुड़ाव बना रहा। फिर आये नागराज के तीन कॉमिक्स 'नागराज और तुतेनतू' , नागराज और पापराज' तथा 'नागराज और कांजा'!  इन तीन कॉमिक्स में  नागराज की कहानियों का दम खत्म सा प्रतीत होने लगा। ये कहानियां पहले जैसी दमदार और रोमांचक नहीं थी। 'विसर्पी की शादी' और 'नागराज और मिस किलर' कॉमिक भी दमदार नहीं कही जा सकती। इनमें वो नागराज का परंपरागत आभामंडल नहीं था जैसा काबुकी का खजाना, थोडांगा, ताजमहल की चोरी, खूनी कबीला, खूनी खोज जैसी कॉमिक्स में था।   'नागराज और कांजा' ने तो मानो दिल ही तोड़ दिया था। उसके बाद शुरू हुआ वो दौर जिसने नागराज को हमेशा के लिए बदल के रख दिया। हालांकि शुरुआत में ये बदलाव थोड़ा ठीक लगा। 'खज़ाना' सीरीज से थोड़ा नयापन लगा। लेकिन उसके बाद...... जो वाहियातपन शुरू हुआ ... सच में दिल जार जार करके रोया।  क्राइम किंग, रक्षक नागराज,'बाम्बी', 'स्नेकपार्क' 'विष अमृत' 'सम्मोहन' 'इच्छाधारी' 'पागल नागराज' जैसी कॉमिक्स ने नागराज के प्रति मोहभंग कर दिया। उसके बाद शुरू हुई 'पुत्र उन्नयन योजना' अर्थात कप्तान जी को ऊंचा उठाने की कवायद। जिसने दिमाग की 12 बजा दी। हर एक कॉमिक्स दिल पर हथोड़े की तरह चोट करने लगी। हमारा प्यारा नागराज धीरे धीरे हमसे दूर होने लगा। और अंत में उसने हमें और हमने उसे खो दिया। 


आज भी जब कभी कॉमिक्स के खजाने को खोलता हूँ तो बस क्लासिक नागराज से आगे की कॉमिक्स को हाथ भी नहीं लगा पाता। नागराज और अदृश्य हत्यारा से पहले की कॉमिक्स 100 से ज्यादा बार पढ़ चुका हूं लेकिन उसके बाद की कॉमिक्स एक बार भी मुश्किल से पढ़ पाया...  कलेक्शन के लिए रखी हुई है बस। हो सकता है सबके ख्याल अलग अलग हों... लेकिन मेरा यही अनुभव रहा









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