
Jai kishor Rankawat जी की कलम से
दोस्तों, हमारा नागराज क्या था?? और क्या बना दिया गया ??? ये किसी से छुपा हुआ नहीं है। इसे षड्यंत्र कह लीजिए या पक्षपात लेकिन नागराज इसका जबरदस्त शिकार बना। जो नागराज को शुरू से जानता है वो ही इस पीड़ा को समझ सकता है। बाकी न्यूकमर्स तो कप्तान जी की ही पूंछ पकड़े रहेंगे। अब आप ही बताइए... जिन लोगों ने अपने आरंभिक दौर में 'नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव' और 'नागराज और बुगाकु' पढ़ी हो वो 'नागाधीश, 'परकाले', 'सौडांगी', 'वर्तमान' जैसे कॉमिक्स कैसे पसंद कर सकेंगे??? ऐसा नहीं है कि ये सब नागराज के साथ ही हुआ हो... बेचारे डोगा को भी मल्टीस्टारर में चीखते हुए, कराहते हुए दिखाया गया है। जबकि ज़बरदस्त चोट पर भी न चीखना डोगा का एक बेसिक पावर है और एक चारित्रिक पहचान है लेकिन इसका भी ध्यान नहीं रखा गया। प्रतीत होता है लेखक को अपने प्रिय पुत्र ....(सॉरी) ...पात्र के अलावा किसी अन्य किसी हीरो की कोई बेसिक जानकारी नही है। लेखक नागराज, डोगा जैसे सुपरहीरो को 'लल्लू लाल'साबित करने पे तुले हैं। क्यों??? इसका सबके पास अपना अपना जवाब है। कुछ भी हो लेकिन हम तो इसी क्लासिक नागराज को रियल नागराज मानते हैं और इसी के फैन बने रहेंगे।
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