Wednesday, March 1, 2023

नागराज और बुगाकू

Chaman Kumar जी की कलम से "नागराज और बुगाकू " ध्रुव और नागराज का ये अविस्मरणीय विशेषांक मुझे आज भी अतिप्रिय है राज कॉमिक्स के प्रथम टू इन वन विशेषांक "नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव " की अपार सफलता के बाद पाठकों की ज़बरदस्त डिमांड को देखते हुए RC ने दोबारा ध्रुव और नागराज को पुनः एक साथ प्रस्तुत किया इस विशेषांक "नागराज और बुगाकू" में , इसके प्रचार (ad ) ने ही पाठकों में खलबली मचा दी , उस समय फिल्मो की वीडियो कैसेट्स में भी फिल्म के बीच बीच में इसका एड आ रहा था {उस एड में कुछ यूं था, सीन के साथ एक गूँजती हुई वज़नदार आवाज़ ' नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव की अपार सफलता के बाद , एक बार फिर नागराज और ध्रुव एक साथ !!! राज कॉमिक्स पेश करते हैं एक और शाहकार "नागराज और बुगाकू" एक ऐसा खूनी मुक़ाबला जिसमे नागराज और ध्रुव के सामने हैं कई खतरनाक दुश्मन और और और एक अनोखी शक्ति 'बुगाकु "!!! शीघ्र प्रकाशित हो रहा है} आखिर सेट प्रकाशित हुआ, और देखते ही देखते इसने सफलता के पिछले सारे कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए , उस समय इसका मूल्य मात्र १५ रूपए था ,(RC के अनुसार इसकी तीन माह में पूरे भारत में लगभग ६ लाख प्रतियां हाथों हाथ बिक गयी, यानि इसकी सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाठक हर माह इस कॉमिक्स के लिए ३० लाख रूपए खर्च कर रहे थे ) मेरे पास इस सेट की लगभग २०-२५ लोगों की advance बुकिंग थी इसलिए मैंने इस सेट की ४ प्रतियां मंगाई, और ये मुझे भी बड़ी मिन्नत से और डीलर से पुराने सम्बन्ध होने कारन मिल सकी, वैसे उस दिन तो मैंने तीन प्रतियों को पाठकों को किराये पर दे दिया उस समय १ कॉमिक्स १ घंटे के लिए और पूरा सेट ४ घंटे के लिए किराये पर दिया जाता था , नए पाठको या जिन्हे हम जानते नहीं उन्हें दुकान पर बैठा कर पढ़वाते थे, इसलिए सेट की एक प्रति मैंने रोक ली थी किन्तु मैं स्वयं "बुगाकू" पढ़ने के लिए लालायित हो रहा था,इसलिए उसे पढ़ने बैठ गया !!! वाह क्या बढ़िया कहानी थी, थोडांगा और मिस किलर जैसे दो दिग्गज खलनायक और उनकी संयुक्त शक्ति से निर्मित एक अनोखी शक्ति बुगाकु जो की लड़ाई के सभी दांव पेचों में माहिर था और नागराजा वासुकि की खडग प्राप्त करके तो लगभग अजेय ही हो गया था ,और उसके अलावा कॉमिक्स का वो पंच जिसमे ध्रुव के पुराने सभी दुश्मनो से मुठभेड़ !! हालाँकि वे सब नकली थे और मिस किलर ने उन्हें अपनी मशीन से निर्मित किया था किन्तु फिर भी मज़ा बहुत आया, कहानी का अंत भी काफी मज़ेदार था , थोडांगा के जंगली लड़ाके सूरमाओं से जोरदार टक्कर, ध्रुव और नागराज को अपनी जान पर खेलना पढ़ा , थोडांगा, मिस किलर, और बुगाकू जैसे दिग्गजों को हराने के लिए !!, वाकई में पुराने दौर और पुरानी कॉमिक्सों की यादें आज भी बचपन में ले जाती हैं और पूरा बचपन एक चलचित्र की भांति मस्तिष्क पटल पर जीवंत हो उठता है..

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