Sunday, March 12, 2023

नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव "विशेषांक" की कहानी विकास दास जी की जुबानी

विकास दास जी की कलम से 90 के दौर में आज की तरह मोबाइल क्रांति का युग नहीं था उस दौर में हम सभी बच्चों के लिए मनोरंजन के नाम पर सिर्फ गिने-चुने ही साधन थे जिसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान कॉमिक्स का रहा, निश्चित तौर पर 90 के दशक में बच्चों और बड़ों के बीच कॉमिक्स का बहुत ही ज्यादा क्रेज था, 1992 में मेरी उम्र 10 साल हुआ करती थी , बाजार कॉमिक्स से पटा रहता था, दीवानगी ऐसी की परचून की दुकान तक में आपको कॉमिक्स मिल जाया करती थी, मैं खुद कई साल तक अंडा विक्रेता के यहां से कॉमिक्स लेता रहा था । जैसा क्रीज उस दौर में था संभवतः अब ऐसा नहीं है। उस दौर में एक एक कॉमिक्स की प्रति लाखों में छपा करती थी और मार्केट में आते ही तुरंत ही बाजार से गायब हो जाती थी। निश्चित तौर पर वह कॉमिक्स इंडस्ट्री का स्वर्णिम दौर था। मैं बचपन से ही नागराज का फैन रहा हूं, नागराज एक ऐसा हीरो जिसके पास शारीरिक बल, बुद्धि और सम्मोहन शक्ति के के साथ रोमांच पैदा कर देने वाली विश्व यात्राएं भी एक अलग ही लोक का आनंद देती थी। उस दौर में सिर्फ नागराज हुआ करता था क्लासिकल नागराज जैसा कोई ऑप्शन नहीं था, क्योंकि उस वक्त आज की तरह कई नागराज नहीं हुआ करते थे। इसीलिए हमारे लिए वही पुराना नागराज आज क्लासिकल नागराज हैं नागराज के विलेन्स भी बड़े ही शानदार हुआ करते थे शुरुआती दौर में नागराज के दुश्मन एक आम इंसान की तरह दिखाए गए जो नागराज की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, उसके दुश्मनों की क्वालिटी को भी बढ़ाते चले गए जिसमें जादूगर शाकूरा, थोड़ंगा, मिस किलर, नगीना जैसे विलेनस को कौन भूल सकता हैं। इसी दौर में आई एक कॉमिक्स नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव का एक ऐड देखकर मन आश्चर्यचकित हो गया वह चित्र निश्चित तौर पर मेरे द्वारा देखें गए सबसे खूबसूरत चित्रकारी में से एक है विनोद जी द्वारा बनाया गया वह चित्र जिसमें नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव हवा में उड़ते हुए बाहर निकल रहे हैं को देख कर मन को आज भी तृप्त होता हैं। यह कॉमिक्स निश्चित तौर पर कॉमिक्स इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर साबित हुई जब यह कॉमिक्स प्रकाशित हुई तब नागराज और ध्रुव कॉमिक्स इंडस्ट्री में एक जाना माना नाम हो चुके थे, और इन दोनों की अपनी एक बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग थी। और इन दोनों को चाहने वाले बड़ी बेसब्री से नागराज और ध्रुव की एक साथ किसी कॉमिक्स में आने की कल्पना करते थे। जिसे 90/91 के आसपास आई यह कॉमिक्स मेरी ऑल टाइम फेवरेट में से एक है। निश्चित तौर पर नागराज और ध्रुव की अब तक की सभी कॉमिक्स में से यह टॉप कॉमिक्स है, बेहतरीन कवर पार्ट से सुसज्जित यह कॉमिक्स मेरे बचपन की इस यादगार कॉमिक्स है और इसी कॉमिक्स में पहली बार एक नए पात्र परमाणु के दर्शन हुए। जानकर अति हर्ष हुआ कि इस कॉमिक्स का मुद्रण श्री मनीष जी द्वारा पुनः किया जा रहा है, दिग्गज कॉमिक्स चित्रकार प्रताप मुलिक जी के जादुई रंगों से सजे इस कॉमिक्स का बेसब्री से इंतजार है। जिन कॉमिक्स हमारे बचपन को बेहद खूबसूरत बनाया है और आज भी हमारे मन को लुभाती हैं, मनीष गुप्ता जी के शानदार प्रयास द्वारा एक बार फिर जीने का अवसर मिल रहा है, इस प्रयास के लिए मनीष गुप्ता जी को साधुवाद विकास दास (रुड़की)

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