Tuesday, April 25, 2023

नागराज की लोकप्रियता

Joginder Sharma जी की कलम से-–----- पता नहीं सही क्या है क्योंकि नागराज की रचना करने वाले सभी भद्रजनों, जिसमे इसकी अवधारणा रखने वाले, इसे लिखने वाले, इसे चित्रित करने वाले सभी कलाकार, चित्रकार, कहानीकार इत्यादि शामिल हैं, के बीच समय समय पर जो वैचारिक मतभेद नज़र आया है मुझे वो नागराज की लोकप्रियता का श्रेय लेने की होड़ लगता है। और नागराज के साथ इस तरह के अनावश्यक प्रयोग भी उसकी लोकप्रियता को भुनाने का एक असफल प्रयास मुझे ध्रुव भी पसंद है, डोगा भी, परमाणु भी, भोकाल तो है ही और अगर आप सब ने भी, इन सभी पात्रों या इनके अलावा जो अन्य पात्र भी उस वक़्त लाये गए थे, उन सब की शुरु की चित्रकथाएं पढ़ी हों तो आप सभी को पसंद आई होंगी क्योंकि उन सब मे ज्यादा दिखावा नहीं था। सभी साधारण होते हुए भी असाधारण थी। परन्तु जब नागराज की खजाना श्रृंखला आयी, उसके बाद से इन पात्रों की कहानियों और चित्रांकन ने जो निम्नतम स्तर को छुआ है, कॉमिक्स के पतन का मुख्य कारण रहा। निरन्तरता की कमी भी एक कारण है। अपने क्लासिक नागराज को ही देख लीजिये। उसके अंदर की खूबियां एक दूसरे की विरोधाभास में होते हुए भी शानदार लगती थी, जैसे कि वो जब बच्चों के साथ होता था तो कौन कह सकता है कि वो विश्व आतंकवाद का सबसे बड़ा दुश्मन होगा। या जब वो किसी बार मे बैठा कर भी पीने के लिये दूध मांगता है तो कितना मासूम लगता है। या जब प्लेन में आये सांप को अपनी जेब मे रखते हुए कहता है कि तुझ से ज्यादा जहर तो मुझ में है, तो कितना आश्चर्य लगता है या फिर अपने दुश्मन को पहले वार करने का अवसर देता है तो लगता है कि उसे इशारा कर रहा है कि अभी भी मौका है सम्भल जा या फिर जब कोई टेलो जैसा दुश्मन उसपर वार करता है तो वो उसे सल्यूट करते हुए स्वीकार करता है कि वो पहला दुश्मन है जिसने उसे चोट पहुंचाई है। या फिर जब बेम बेम बिगेलो जैसे निर्मम दरिंदे को उससे ज्यादा निर्ममता दिखाते हुए आग की भट्ठी में फेंक देता है, या सीमैन को उसी के हेलीकाप्टर से लटका कर पूरे शहर में उसके खून की बारिश करता है तो उससे ज्यादा खूंखार कोई नहीं लगता। तो एक ही पात्र, एक ही समय में मासूम भी है, आश्चर्यजनक भी है, अपने दुश्मन को सम्मान भी देता है तो जरूरत पड़ने पर उससे खूंखार भी कोई नहीं। परन्तु सिर्फ अपनी महत्वकांक्षा के चलते एक लोकप्रिय पात्र को इतने खराब मोड़ पर ला कर खड़ा कर दिया। आजकल की सभी कहानियों में लगभग एक ही तरह की स्टोरी लाइन, घूमफिर कर वही नागपाशा वगैरा गिने चुने विलेन्स। कुछ तो शर्म कर लो।

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