Friday, August 18, 2023

नगीना का खौफनाक जाल

Jai kishor Rankawat जी की कलम से........... नगीना का जाल.... बात काफी पुरानी है... ठीक से याद नहीं। लेकिन नागराज की कॉमिक्स पढ़ने का क्रेज सर चढ़ के बोल रहा था उन दिनों। तभी एक एड देखा 'नगीना का जाल'। नाम ही ऐसा था कि ज़ेहन में सनसनी सी मच गई थी। ऊपर से इतना धांसू एड। धड़कने थाम कर इंतज़ार किया इस कॉमिक्स का। नागराज के विशेषांक उस वक़्त सच में विशेष अंक हुआ करते थे। आज की तरह कचरा नहीं। आखिर जब ये कॉमिक्स हाथ मे आई तो दिल धाड़ धाड़ बज उठा। कवर पेज पर नागराज का जबरदस्त एक्शन...!!! मन बल्लियों उछल रहा था। जब शुरू किया ये तूफानी विशेषांक तो एक एक पेज पर रोमांच बिखरा हुआ था। क्या ज़बरदस्त स्टार्ट हुआ करता था उन दिनों नागराज की कॉमिक्स का। बिना पलक झपकाए एक एक पृष्ठ ध्यान से पढ़ा। लाजवाब आर्ट वर्क को निहारते हुए। इतनी जानदार कहानी ... दमदार एक्शन... सच मे पूरा पैसा वसूल विशेषांक था ये। एक बात मान नी पड़ेगी... पहले विशेषांक तभी बनते थे जब सच में विशेषांक लायक कोई कहानी हो। वरना 32 पेज में ही सीमित रखी जाती थी और वो 32 पेज भी लाजवाब होते थे। धीरे धीरे पैसे बनाने के चक्कर में हर कहानी को खींच खींच कर जबरदस्ती 64 पेज में डालने की कोशिश की गई और विशेषांक शब्द का मतलब ही समाप्त हो गया। अब विशेषांक भी साधारण हो गए या यूं कहिए कि महा घटिया हो गए। खैर .... 'नगीना का जाल' नागराज की सबसे बढ़िया कॉमिक्स में से एक है। नागराज और उसके शानदार पांच सहयोगी 'सिंहनाग', 'सर्पराज',नागदेव', नागार्जुन' और 'नागप्रेती' की 'किंकोसी'... 'हान्टू'...'बिच्छू धड़ा'... 'केकड़ाकंट'.... 'मकड़ा खाटु'... 'मबिकेना' और नगीना जैसे विलेन्स से जबरदस्त टक्कर सच में नागराज की सबसे रोमांचक लड़ाई थी।

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