Saturday, July 29, 2023

राजनीति का शिकार नागराज

Jai Kishor Rankawat जी की कलम से........... वाहियात, शर्मनाक, घटियापन की पराकाष्ठा... हद है.... और कितना नीचे गिराना है नागराज को... लम्बे समय तक झेला है ऐसा दोगलेपन...। हर कॉमिक्स में नागराज की मात.... क्या तमाशा लगा रखा है।?? हर कॉमिक्स में ध्रुव सही नागराज गलत। नागराज और उसके दोस्त, दुश्मन.. ध्रुव और उसके दोस्त, दुश्मनों से हारते हुए दिखाये गए हैं। ये सब एक सोचा समझा षड्यंत्र ही कहा जायेगा। वरना नागराज जैसा टॉप सुपर हीरो ध्रुव जैसे साइड हीरो से हारेगा??? जी हां.. ध्रुव नागराज के सामने एक साइड हीरो ही था.. 'नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव' और 'नागराज और बुगाकु' उठा के देख लीजिए..!! लेखक द्वारा यह दबी हुई भड़ास निकाली जा रही है.. अब नागराज को गिरा गिरा कर वो अपने रचे किरदार की उस पर जीत दिखा कर शांति पाने की कोशिश कर रहा है। गौर करने वाली बात है कि लगभग हर कॉमिक्स में नागराज को गलत या गलतफहमी का शिकार दिखाया गया है... और ध्रुव को नागराज को हराकर उसकी गलतफहमी दूर करने वाला। चलिए माना यहां नागराज गलत था इसलिए हारा। लेकिन 'वर्तमान' कॉमिक में तो हद ही हो गयी। इस महाघटिया कवरपेज वाली कॉमिक में ध्रुव एक अपराधी था फिर भी वो नागराज को मजबूर कर देता है... नागराज को एकदम पस्त कर देता है। और नागराज बेचारा ... बंधा हुआ सा.. लाचार सा... ध्रुव को उसकी वास्तविकता याद दिलाने के लिए गिड़गिड़ा रहा होता है। लानत है... यानी नागराज गलत है तो वो हारेगा लेकिन ध्रुव गलत है, अपराधी भी है तो भी नागराज हारेगा।। वाह रे दोगलापंती!!! यानी ये पहले ही ठान लिया गया कि नागराज को नीचे गिरना है और खुद के प्रिय पुत्र को जबरदस्ती ऊपर थोपना है तांकि वो कभी RC का लीडर बन सके। आज काफी हद तक ये हो चुका है। कई न्यूकमर्स जो प्रलय, विनाश, खज़ाना सीरीज के बाद RC से जुड़े.. उनको यही लगता है कि ध्रुव ही बॉस है जबकि सच्चाई से वो अनभिज्ञ है। अगर इन लोगों ने वो दौर देखा होता... नागराज का वो क्रेज़ देखा होता तो ये ऐसा कभी नहीं सोच पाते। बहुत दुख होता है।। जब इतना स्तरहीन पक्षपात देखने को मिलता है.. किसी सुपर हीरो को.. जो एक समय में कॉमिक्स जगत का अग्रणी था.. जिस से पाठकों के इमोशंस जुड़े थे.. उसका वजूद इस तरह बदल दिया जाता है कि पाठक उस किरदार से एकदम जुदा हो जाते है।

वन मैन आर्मी

Chandrakant Deshpande जी की कलम से .............. में बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि जब से क्लासिक नागराज का पतन शुरू हुआ उसके ज़िम्मेदार कुछ खास आर्टिस्ट और उनकी कहानियाँ हैं। विंटेज नागराज के समय कॉमिक्स के हर डिपार्टमेंट के लिए विशेषज्ञ हुआ करते थे लेकिन जबसे one man army बनने का दौर चला तब से नागराज का कबाड़ा शुरू हो गया। मैं ये नही कहता कि क्लासिक नागराज के बाद इन One Man Army ने अच्छी आर्टवर्क और कहानियां नही दी परंतु धीरे धीरे उनके कला और कहानियों के स्तर में गिरावट आने लगी। कभी नागराज का फ्रंट पेज आर्टवर्क इतना भौंडा होता था कि उसको देखकर रोएं या हँसे ये समझ नही आता था। कभी तो कहानियाँ इतनी स्तरहीन हो जाती थी कि रक पर तरस आता था। वैसे ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं और ये मेरे ये विचार इसलिए हैं क्योंकि मैंने राज Comics का वो सुनहरा दौर भी देखा है जहाँ वीडियो गेम और केबल TV के।दौर में लोग कॉमिक्स के दीवाने थे। रही बात कॉमिक्स कल्चर के पतन के लिए मोबाइल और इंटरनेट को दोष देने की तो ये बता देना चाहता हूँ कि आज भी जापान में सबसे ज्यादा कॉमिक्स पढ़ी जाती है क्योंकि उन्होंने कॉमिक्स के अपने तौर तरीके में कोई भद्दा प्रयोग या बदलाव नही किया है। आज RC के कुछ आर्टिस्ट जैसे कि Jagdeesh जी, Hemant Ji का आर्टवर्क क्लासिक नागराज की याद ज़रूर दिलाता है।

Friday, July 28, 2023

एक था नागराज

Mukesh Gupta जी की कलम से....................... एक था नागराज एक सुपर हीरो का काम होता है अपराध और अपराधियों को खत्म करना, इसके लिए उसको अपराधियों को खोजकर, पकड़कर उसे उसके किए की सजा देना होता है, एक वो नागराज था जो खोज-खोज कर अपराधियों की जड़ें तलाशता था फिर उसके घर में घुसकर उसके अपराध साम्राज्य को तबाह करता था। और एक नागराज वो है जो आराम से अपने आलीशान घर में बैठा रहता है और अपराध होने का इंतज़ार करता है फिर जब कोई उसको बताता है कि आ जाओ भइया अपराध हो गया अब आकर हीरोगिरी दिखाओ तब वो आराम से आता है, और उस मुसीबत को हराकर ये सोचते हुए कि इसको किसने भेजा होगा वापस अपने आलीशान घर में जाकर पसर जाता है :P 😂 😂 :P

Wednesday, July 26, 2023

द ग्रेट प्रताप मुलिक जी

निसंदेह भारतीय कॉमिक्स जगत के पितामह प्रताप मुलिक जी. उनके सामने सभी आर्टिस्ट पानी कम हैं. भारतीय कॉमिक्स जगत को प्रताप जी ने जितनी बुलंदियां दी हैं उतनी शायद ही किसी और आर्टिस्ट ने दी हो. आज के समय लोग कहते है कि कंप्यूटर और आधुनिक जमाने के कारण कॉमिक्स विलुप्त होती जा रही है लेकिन मैं इस बात से असहमत हूँ. दरअसल 2004 के बाद से ही कॉमिक्स की कहानियां उबाऊ और नीरस हो गयी थी इसलिए पाठक कॉमिक्स से विमुख हो गए. फंडा यह है की अगर करण जौहर अकेला ही सारी फिल्म्स डायरेक्ट करेगा तो सभी फिल्मे एक सार लगने लगेंगी और यही कॉमिक्स के साथ हुआ. 1 या 2 लेखकों और चित्रकारों ने एक जैसी ट्रीटमेंट की कहानिया लिखकर भारतीय कॉमिक्स जगत का बेडा गर्क कर दिया। नागराज को दिमाग लगाने की ज़रुरत नहीं, वह डिपार्टमेंट ध्रुव के पास ही रहता हो सही था. यह मेरी व्यक्तिगत राय है, बाकी सूरज वर्मा जी प्रताप मुलिक जी की स्पेलिंग सही कीजिये प्लीज।

Tuesday, July 25, 2023

नागराज और तूफान-जू

Mukesh Gupta जी की कलम से ---------नागराज और तूफान-ज़ू ये किस्सा तब का है जब हम गर्मियों की छुट्टी में अपने नानी के घर जाते थे। ऐसे ही एक बार हम वहां छुट्टी मना रहे थे। कॉमिक्स तो हमेंशा साथ ले ही जाता था पढ़ने के लिए और कहीं कोई नयी कॉमिक्स मिल जाती तो क्या बात थी। वहीं एक बार पड़ोस के एक लड़के के पास से मैंने एक कॉमिक्स पढ़ी 'नागराज और तूफ़ान-ज़ू'। ये कॉमिक्स मुझे इतनी अच्छी लगी की मैं वो कॉमिक्स अपने साथ ले जाना चाहता था। पर वो कॉमिक्स किसी और की थी और वो देने को तैयार नहीं था। तो मैंने क्या किया, एक नोटबुक में उस पूरी कॉमिक्स की कहानी वर्ड बाय वर्ड उतार ली ताकि उसको मैं दोबारा पढ़ सकूँ। पूरी कॉमिक्स की कहानी को कॉपी करने में 4-5 दिन लगे पर जब तक मैंने पूरी कहानी नहीं लिख ली चैन नहीं लिया जबकि मुझे लिखने का काम बिल्कुल पसंद नहीं था स्कूल का होमवर्क भी करने में बहुत आनाकानी करता था पर उस कहानी को पूरी शिद्दत से लिखा था। ये बात आज भी जब नागराज और तूफ़ान ज़ू कॉमिक्स देखता हूँ तो याद आ जाती है और एक अनोखी ख़ुशी का एहसास होता है।